Tuesday, May 7, 2013
जुन का झटका
बात उन दिनो की है जब मै राजस्थान मे था.. वहॉ मैने कूछ दिन सेंट. पी. एल. कॉनवेंट मे टीचरशीप भी की थी..एक दिन मै फर्स्ट क्लास मे विज़िबल और इनविज़िबल का डिफरेन्स समझा रहा था..
देखो बच्चो जो होता भी है और दिखता भी है वो विज़िबल..और जो होता तो है पर दिखता नही वो इनविज़िबल...जैसे तुम्हारे सामने जो बुक है वो है भी और दिख़ती भी है इसलिये वो विज़िबल पर जो हवा हम इनहेल करते है वो होती है पर दिख़ती नही इसलिये वो इनविज़िबल..समझे?
येस सर..बच्चो ने कहा...
ओके दबबू तुम्हे समझा? मैने एक थोडे से पढाई मे कमजोर स्टूडेंट से पुछा..
येस सर...दबबू बोला
ओके..मेरा भी मजाक का मूड बन गया तो मैने पुछा दबबू तेरी जो चड्डी दिख रही है वो क्या है?
विज़िबल है सर..
गुड..चल अब एक इनविज़िबल चीज का नाम बता..
पूजा मॅम की चड्डी सर...
पूजा मॅम को क्लास मे एंटर करता देख दबबू बोला...हेहे
पूजा मॅम 3 दिन तक स्कूल नही आई
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